मध्य प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय बढ़ाकर ₹4000 किया
मध्य प्रदेश सरकार ने तेंदूपत्ता संग्राहकों के मानदेय में वृद्धि कर दी है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी ने इस जानकारी को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया। पहले तेंदूपत्ता संग्रहकों का मानदेय ₹3000 प्रति बोरी था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर ₹4000 प्रति बोरी कर दिया गया है। इसके माध्यम से राज्य के जनजातीय समूह को बड़ा लाभ हो रहा है।
तेंदूपत्ता संग्रहण योजना का उद्देश्य
राज्य सरकार के द्वारा तेंदूपत्ता संग्रहण योजना का संचालन जनजातीय वर्गों के माध्यम से किया जाता है। तेंदू के पत्तों को इकट्ठा करने वाले नागरिक अब ₹4000 प्रति बोरी का लाभ प्राप्त करेंगे, जो उनके जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होगा।
तेंदूपत्ता संग्रहको के मानदेय में बढ़ोतरी
मध्य प्रदेश सरकार जनजातीय वर्ग का समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है। यह निर्णय इस दिशा में एक बड़ा कदम है। पहले तेंदूपत्ता संग्राहकों को ₹3000 प्रति बोरी मिलते थे, अब यह राशि बढ़कर ₹4000 हो गई है। इस बढ़ोतरी से प्रत्येक संग्राहक को ₹1000 का अतिरिक्त लाभ होगा।
ऐतिहासिक संदर्भ
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 2003 में तेंदूपत्ता संग्राहकों को केवल ₹400 प्रति बोरी मानदेय दिया जाता था। उस समय लगभग ₹560 करोड़ का वितरण किया गया था।
सरकार का प्रमुख उद्देश्य
सरकार का मुख्य उद्देश्य तेंदूपत्ता द्वारा जनजातीय समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है।
35 लाख संग्राहकों को होगा लाभ
मध्य प्रदेश सरकार के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में लगभग 35 लाख तेंदूपत्ता संग्राहक हैं जो सीधे मानदेय का लाभ उठा रहे हैं। इन आंकड़ों में साल दर साल वृद्धि हो रही है, जिससे और अधिक जनजातीय परिवारों को मदद मिल रही है।
शिक्षा के लिए प्रयास
सरकार के प्रयासों में यह भी शामिल है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के बच्चों को शिक्षा लेने में सहायता मिले। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से सरकार इसे सुनिश्चित कर रही है।
75 प्रतिशत बोनस का लाभ
तेंदूपत्ता संग्राहकों को 75% बोनस भी दिया जा रहा है। पहले यह 50% था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 75% कर दिया गया है। साल 2002-2003 में वितरित बोनस ₹5.51 करोड़ था, जबकि 2022-2023 में यह राशि लगभग ₹234 करोड़ रही।
बोनस वितरण की प्रक्रिया
इस योजना का एक भाग होने के नाते, संग्राहकों को समय-समय पर बोनस का भुगतान किया जाएगा। यह पहल उन्हें और अधिक आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी।
जनजातीय समुदाय का सशक्तिकरण
मध्य प्रदेश सरकार ने जनजातीय समूहों को समान अधिकारों और लाभों के साथ सशक्त करने का निर्णय लिया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों का मानदेय बढ़ाकर यह साबित होता है कि सरकार उनके विकास के प्रति गंभीर है।
आर्थिक सहायता
इस तरह की सहायता से संग्राहकों को न केवल आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर होने का मौका भी मिलेगा।
सरकार की दीर्घकालिक योजना
यह योजना जनजातीय समुदाय के विकास को सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है। इसके माध्यम से वे समाज में अपनी स्थिति को मजबूत कर सकेंगे।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार की यह पहल तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए एक सकारात्मक बदलाव लेकर आई है। यह आर्थिक समृद्धि के साथ-साथ सामाजिक सशक्तिकरण का भी मार्ग प्रशस्त करेगी। यदि आप इस योजना के लाभों के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइटों का अवलोकन करें।